वक़्त बदलने में देर कहाँ लगती है, जहाँ आप खड़े गुरूर कर रहे हैं
पीठ पीछे आप की कोई बात चले तो घबराना मत,
जब एतबार ही किसी से उठ जाए तो फिर,
कल वहा कोई और खड़ा, गुरूर कर रहा होगा।
पीठ पीछे आप की कोई बात चले तो घबराना मत,
क्योकि बात उन्हीं की होती है जिनमें कोई बात होती है
जब एतबार ही किसी से उठ जाए तो फिर,
अगला बंदा कसम खाएं या ज़हर, फ़र्क नहीं पड़ता